एक बूढ़ा किसान और तीन आलसी बेटे कहानी
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Answer:
एक किसान था .उसके चार बेटे थे और चारो बेटे बहुत ही आलसी थे. वह कुछ भी कामकाज नहीं करते थे .किसान दिन भर अपने खेत में काम करता था और कोई भी लड़का उसका हाथ बटाने नहीं आता था. किसान बहुत चिंतित रहता था की उसके मरने के बाद उसके चारों बेटों का क्या होगा. यही बात उसे दिन -रात खाए जाती थी. एक दिन किसान बहुत बीमार हो गया .उसे पता चल गया कि अब उसका अंतिम समय निकट है .उसने अपने चारों बेटों को बुलाया और कहा कि “मैं जानता हूं मेरे मरने के बाद तुम चारों कुछ नहीं करोगे तुम्हारे खाने-पीने का भी ठिकाना नहीं रहेगा ,इसीलिए मैंने खेत में बहुत सारा धन छुपा कर रखा हुआ है ,तुम वह धन खोज कर निकाल लेना और अपनी जिंदगी को आराम से जीना.”
इतना कहने के बाद किसान की मृत्यु हो गई और किसान के चारो बेटे बहुत दुखी हुए, परंतु अब क्या हो सकता था. कुछ दिन तो वह घर में रखा हुआ अनाज खाते रहे. लेकिन आखिरी में वह भी खत्म हो गया उन्होंने सोचा अब तो हमें खेत को खोदकर खजाना निकालना ही पड़ेगा इसके अलावा अब कोई भी उपाय हमारे पास नहीं बचा है .ऐसा सोचकर चारो बेटे सुबह उठे और खेत को खोदने पहुंच गए .खेत बहुत बड़ा था और उनमें से किसी को भी इस बात का पता नहीं था कि खजाना खेत के किस हिस्से में छुपा हुआ है .जिस कारण उन्हें पूरा खेत खोदना पड़ा. यह क्रम चार-पांच दिन तक चलता रहा चारो बेटे सुबह उठते और खजाने के लालच में खेत को खोदते रहते .आखिर में उन्होंने सारा खेत अच्छे से खोद दिया .लेकिन उन्हें खजाना कहीं भी नहीं मिला वह बहुत दुखी हुए .फिर उन्होंने सोचा जब हमने इतनी मेहनत कर ही ली है तो क्यों ना अब हम खेत में बीज ही डाल दे . जिससे फसल ही हो जाएगी और हम वह फसल बेच कर हम कुछ पैसे कमा लेंगे. जिससे हमें भोजन प्राप्त होगा ,आगे की फिर आगे देखेंगे. ऐसा सोचकर चारों ने मिलकर बीज बोए और खेत की बहुत ही अच्छे से देखभाल करने लगे. धीरे-धीरे उनका आलस कम होने लगा जो -जो फसल बढ़ने लगी उसे देख कर चारो बेटे हर्षाने लगे . उन्हें अच्छा लगने लगा.
और आखिर एक दिन उनकी फसल पक कर तैयार हो गई और वह चारों उस फसल को काटकर मंडी में ले गए .वहां उन्हें उस फसल के बहुत अच्छे दाम मिले .यह पैसा उन चारों की मेहनत की कमाई का था .इसलिए चारो बेटे बहुत ही खुश हुए उनकी इतनी मेहनत देखकर गांव का एक बुजुर्ग आदमी उनके पास आया और कहा बेटा तुम्हारी इतनी मेहनत देख कर हम बहुत खुश होते हैं .तुम्हारे पिता की आत्मा को अब जरूर शांति मिल जाएगी. तब चारों लड़कों ने उस बुजुर्ग आदमी से कहा कि हम तो पिता जी के कहने से खेत में खजाना ढूंढ रहे थे ,वह तो हमें मिला नहीं इसलिए हमने बीज बो दिए और इतनी अच्छी फसल तैयार हो गई.
तब उस बुजुर्ग आदमी ने कहा तुम्हारे पिता ने सही कहा था इस खेत में खजाना छुपा हुआ है. चारों लड़के एक दूसरे का मुंह देखने लगे और उन्होंने कहा आप हमें बताएं खजाना कहां छुपा हुआ है हम अभी उसे निकाल लेंगे बुजुर्ग आदमी हंसने लगा कहने लगा वह खजाना तो तुम्हें कब का मिल गया .लड़कों ने कहा नहीं हमें कोई भी खजाना नहीं मिला .बुजुर्ग ने कहा वो खजाना तुम्हारी फसल ही थी जो तुमने धरती को खोदकर निकाली ,तुम्हारे पिताजी के कहने का मतलब यही था ,कि तुम धरती को खोदोऔर तुम्हें खजाना मिल जाएगा .चारों लड़कों को अपने पिता की सीख समझ आ गई और वह उस दिन के बाद अपनी जिंदगी में सतर्क हो गए और आलस करना बिलकुल छोड़ दिया .क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि वाकई में उनके खेत में खजाना छुपा हुआ है वह उसे जितना ढूंढगे उतना ही मिलेगा, कभी भी कम नहीं होगा और ना ही खत्म होगा.
इसीलिए आप जितनी मेहनत करेंगे आपको उतनी ही सफलता प्राप्त होगी.
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एक किसान था .उसके चार बेटे थे और चारो बेटे बहुत ही आलसी थे. वह कुछ भी कामकाज नहीं करते थे .किसान दिन भर अपने खेत में काम करता था और कोई भी लड़का उसका हाथ बटाने नहीं आता था. किसान बहुत चिंतित रहता था की उसके मरने के बाद उसके चारों बेटों का क्या होगा. यही बात उसे दिन -रात खाए जाती थी. एक दिन किसान बहुत बीमार हो गया .उसे पता चल गया कि अब उसका अंतिम समय निकट है .उसने अपने चारों बेटों को बुलाया और कहा कि -मैं जानता हूं मेरे मरने के बाद तुम चारों कुछ नहीं करोगे तुम्हारे खाने-पीने का भी ठिकाना नहीं रहेगा ,इसीलिए मैंने खेत में बहुत सारा धन छुपा कर रखा हुआ है ,तुम वह धन खोज कर निकाल लेना और अपनी जिंदगी को आराम से जीना.
इतना कहने के बाद किसान की मृत्यु हो गई और किसान के चारो बेटे बहुत दुखी हुए, परंतु अब क्या हो सकता था. कुछ दिन तो वह घर में रखा हुआ अनाज खाते रहे. लेकिन आखिरी में वह भी खत्म हो गया उन्होंने सोचा अब तो हमें खेत को खोदकर खजाना निकालना ही पड़ेगा इसके अलावा अब कोई भी उपाय हमारे पास नहीं बचा है .ऐसा सोचकर चारो बेटे सुबह उठे और खेत को खोदने पहुंच गए .खेत बहुत बड़ा था और उनमें से किसी को भी इस बात का पता नहीं था कि खजाना खेत के किस हिस्से में छुपा हुआ है .जिस कारण उन्हें पूरा खेत खोदना पड़ा. यह क्रम चार-पांच दिन तक चलता रहा चारो बेटे सुबह उठते और खजाने के लालच में खेत को खोदते रहते .आखिर में उन्होंने सारा खेत अच्छे से खोद दिया .लेकिन उन्हें खजाना कहीं भी नहीं मिला वह बहुत दुखी हुए .फिर उन्होंने सोचा जब हमने इतनी मेहनत कर ही ली है तो क्यों ना अब हम खेत में बीज ही डाल दे . जिससे फसल ही हो जाएगी और हम वह फसल बेच कर हम कुछ पैसे कमा लेंगे. जिससे हमें भोजन प्राप्त होगा ,आगे की फिर आगे देखेंगे. ऐसा सोचकर चारों ने मिलकर बीज बोए और खेत की बहुत ही अच्छे से देखभाल करने लगे. धीरे-धीरे उनका आलस कम होने लगा जो -जो फसल बढ़ने लगी उसे देख कर चारो बेटे हर्षाने लगे . उन्हें अच्छा लगने लगा.
और आखिर एक दिन उनकी फसल पक कर तैयार हो गई और वह चारों उस फसल को काटकर मंडी में ले गए .वहां उन्हें उस फसल के बहुत अच्छे दाम मिले .यह पैसा उन चारों की मेहनत की कमाई का था .इसलिए चारो बेटे बहुत ही खुश हुए उनकी इतनी मेहनत देखकर गांव का एक बुजुर्ग आदमी उनके पास आया और कहा बेटा तुम्हारी इतनी मेहनत देख कर हम बहुत खुश होते हैं .तुम्हारे पिता की आत्मा को अब जरूर शांति मिल जाएगी. तब चारों लड़कों ने उस बुजुर्ग आदमी से कहा कि हम तो पिता जी के कहने से खेत में खजाना ढूंढ रहे थे ,वह तो हमें मिला नहीं इसलिए हमने बीज बो दिए और इतनी अच्छी फसल तैयार हो गई.
तब उस बुजुर्ग आदमी ने कहा तुम्हारे पिता ने सही कहा था इस खेत में खजाना छुपा हुआ है. चारों लड़के एक दूसरे का मुंह देखने लगे और उन्होंने कहा आप हमें बताएं खजाना कहां छुपा हुआ है हम अभी उसे निकाल लेंगे बुजुर्ग आदमी हंसने लगा कहने लगा वह खजाना तो तुम्हें कब का मिल गया .लड़कों ने कहा नहीं हमें कोई भी खजाना नहीं मिला .बुजुर्ग ने कहा वो खजाना तुम्हारी फसल ही थी जो तुमने धरती को खोदकर निकाली ,तुम्हारे पिताजी के कहने का मतलब यही था ,कि तुम धरती को खोदोऔर तुम्हें खजाना मिल जाएगा .चारों लड़कों को अपने पिता की सीख समझ आ गई और वह उस दिन के बाद अपनी जिंदगी में सतर्क हो गए और आलस करना बिलकुल छोड़ दिया .क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि वाकई में उनके खेत में खजाना छुपा हुआ है वह उसे जितना ढूंढगे उतना ही मिलेगा, कभी भी कम नहीं होगा और ना ही खत्म होगा.
इसीलिए आप जितनी मेहनत करेंगे आपको उतनी ही सफलता प्राप्त होगी.