पीवी सिंधु को ओलंपिक में प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए उनके खेल की चर्चा करते हुए पत्र लिखिए
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पीवी सिंधु को ओलंपिक में प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए उनके खेल की चर्चा करते हुए पत्र लिखिए
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Explanation:
सिंधु ने इसके साथ ही दो साल पहले इस टूर्नामेंट के फाइनल में ओकुहारा से मिली हार का बदला भी ले लिया.
विश्व चैम्पियनशिप में सिंधु का यह पांचवां पदक है. पदकों की संख्या के मामले में सिंधु ने चीन की पूर्व ओलंपिक चैम्पियन झांग निंग की रिकॉर्ड की बराबरी की. सिंधु ने दो कांस्य पदक के साथ टूर्नामेंट के पिछले दो सत्र में दो रजत पदक भी हासिल किया है.
फाइनल में जीत के बाद द हिंदू से बातचीत में सिंधु ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो ओकुहारा के प्रदर्शन को देखते हुए मेरा अनुमान था कि मुकाबला लंबा चलने वाला है. निश्चित तौर पर कोरियाई कोच किम जी ज्यून और गोपी सर (पुलेला गोपीचंद) के मार्गदर्शन और सलाह की इस जीत में बड़ी भूमिका है.’
उन्होंने कहा, ‘फाइनल मुकाबले में कोर्ट में प्रवेश करने से पहले मैंने कोई दबाव महसूस नहीं किया. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ शॉट देना चाहती थी और जब फाइनल मुकाबला शुरू हुआ तब इस बात को लेकर परेशान नहीं थी कि जीतूंगी या हारूंगी.’
इससे पहले भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने चीन की चेन यू फेई को 21-7 और 21-14 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. मालूम हो कि सिंधु लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची हैं हालांकि इससे पहले के दो फाइनल मुकाबलों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था.
साल 2018 में उन्हें स्पेन की कैरोलिना मरीन और 2017 में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने खिताबी मुकाबले में सिंधु को मात दी थी.