मुंशी वंशीधर कर्तव्यपरायण और ईमानदार थे परंतु उनके उन्हीं गुणों के कारण उन्हें दारोगा के पद से
मुअत्तल कर दिया गया। बेचारे भग्न हृदय, शोक और खेद से व्यथित घर को चले। घर पहुँचने पर
वृद्ध पिता से उनकी क्या बातें हुई होंगी? अपनी कल्पना के आधार पर मुंशी वंशीधर और उनके
पिता के बीच हुए संवाद को लिखिए। Plz only correct answers...
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Answer:
sorry please follow me
Explanation:
sorry bro, I don't have answer