अश्कों में भिगोकर जज्बात हर्फ दर हर्फ लिखता हूं।
बेचैन रातों को भी सुलगती फिजाओं वाली शर्द लिखता हूं।
और जब कभी भी हद से गुजरता हूं तो बस दर्द ही दर्द लिखता हूं।।
मृत्युंजय महर्षि
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अश्कों में भिगोकर जज्बात हर्फ दर हर्फ लिखता हूं।
बेचैन रातों को भी सुलगती फिजाओं वाली शर्द लिखता हूं।
और जब कभी भी हद से गुजरता हूं तो बस दर्द ही दर्द लिखता हूं।।
मृत्युंजय महर्षि
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Step-by-step explanation:
अश्कों में भिगोकर जज्बात हर्फ दर हर्फ लिखता हूं।
बेचैन रातों को भी सुलगती फिजाओं वाली शर्द लिखता हूं।
और जब कभी भी हद से गुजरता हूं तो बस दर्द ही दर्द लिखता हूं।।
मृत्युंजय महर्षि
mst he✌️✌️