hindi meaning of this poem- makrand milati ho apna swagat ke kumkum chandan me
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Answer:
'कामायनी' जयशंकर प्रसाद कृत ऐसा महाकाव्य है जो सदैव मानव जीवन के लिए एक प्रेरणा बन कर रहेगा। कामायनी सदा से मेरी प्रिय पुस्तकों में से एक रही है। इसे मैंने कई बार पढ़ा‚ मुझे हर बार इसमें नए अर्थ मिले हैं। जीवन के हर दशक में‚ हर पड़ाव में नए सिरे से पढ़ने पर जीवन के प्रति जीवन का नया दर्शन पता चला है। कामायनी से मेरा परिचय अपने अस्तित्व से परिचय के तुरंत बाद का है, मेरी मां ने मुझे बताया कि उन्होंने मेरा नाम कामायनी से चुना, जहां इड़ा यानि बुद्धि का पर्याय मनीषा आता है। मेरी मां का प्रिय ग्रंथ मुझमें तो उत्सुकता जगाता ही। मैंने इसे किशोरावस्था में पढ़ा। फिर हिंदी में एमए करते हुए तो सिलेबस का महत्वपूर्ण हिस्सा रही कामायनी। 'कामायनी' जयशंकर प्रसाद कृत ऐसा महाकाव्य है जो सदैव मानव जीवन के लिए एक प्रेरणा बन कर रहेगा। कामायनी की कथा मूलत: एक कल्पना‚ एक फैण्टसी है। जिसमें प्रसाद जी ने अपने समय के सामाजिक परिवेश‚ जीवन मूल्यों‚ सामयिकता का विश्लेषित सम्मिश्रण कर इसे एक अमर ग्रन्थ बना दिया। यही कारण है कि इसके पात्र - मनु‚ श्रद्धा और इड़ा - मानव‚ प्रेम व बुद्धि के प्रतीक हैं। इन प्रतीकों के माधयम से कामायनी अमर हो गई। क्योंकि इन प्रतीकों के माध्यम से जीवन का जो विश्लेषण कामायनी में प्रसाद जी ने प्रस्तुत किया, वह आज भी उतना ही सामयिक है, जितना कि प्रसाद जी के समय में रहा होगा। देवों का घमण्ड‚ स्वयं सृष्टिकर्ता के रूप में स्वयं सृष्टि ने ही उनके उच्छृंखल व्यवहार को लेकर तीनों लोकों में प्रलय कर कैसे तोड़ा यह जहां पौराणिक ऐतिहासिक बात है वहीं एक सबक है मनुष्यत्व के प्रति…धरती के प्रति उनके मनमाने व्यवहार के प्रति। कामायनी का प्रथम प्रकाशन लगभग 58 वर्ष पूर्व हुआ था तब से आज तक लेकर कामायनी हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक लोकप्रिय तथा विवादित और चर्चित पुस्तक रही है। हर विश्वविद्यालय के हिन्दी के पाठ्यक्रम में शामिल रही है। स्कूलों की 10वीं‚ 11वीं तथा 12वीं कक्षाओं के हिन्दी के कोर्स में भी में भी कामायनी के अंश शामिल रहे हैं। अपनी लोकप्रियता‚ आलोचना तथा प्रशंसा को समभाव से स्वीकार कर 'कामायनी' आज भी अपने स्थान पर अटल है। इसकी प्रासंगिकता सुधि पाठकों तथा आलोचकों के लिए आज भी उतनी ही है जितनी हमेशा रही है। संक्षेप में‚ कामायनी एक ऐसा महाकाव्य है‚ जो आज के मानव जीवन को उसके समस्त परिवेश व परिस्थिति के साथ प्रस्तुत करता है।
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