निबंध लेखन (i) विद्यालय का वार्षिकोत्सव
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Answer:
प्रस्तावना
विद्यालयों में वर्षभर विभिन्न प्रतियोगिताएं चलती रहती हैं. इन प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को पुरस्कार प्रदान करने एवं छात्र छात्राओं में सामाजिकता के गुणों का विकास करने के उद्देश्य से विद्यालय में वार्षिक उत्सवों का आयोजन किया जाता हैं.
उत्सव की तैयारियाँ
10 जनवरी को प्रार्थना सभा में प्रधानाध्यापक जी ने घोषणा की कि वार्षिक उत्सव 23 जनवरी को मनाया जाएगा. छात्र छात्राओं में तालियाँ बजाकर इस घोषणा का स्वागत किया.
इसी दिन प्रधानाध्यापक जी के कक्ष में एक बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी शिक्षक शिक्षिकाओं के अतिरिक्त कुछ छात्र छात्राओं को भी वार्षिक उत्सव सम्बन्धी कुछ न कुछ कार्य सौपे गये.
विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के निदेशक शिक्षक शिक्षिकाओं ने छात्र छात्राओं का चयन करके उनकी तैयारी प्रारम्भ करवा दी. समूह नृत्य, समूह गान, सरस्वती वंदना, कव्वाली, नाटक, संस्कृत नाटिका, विचित्र वेशभूषा आदि कार्यक्रमों के लिए छात्रों ने तैयारी की. विद्यालय प्रांगण में ही भव्य पंडाल लगाया गया तथा मंच बनाया गया, उत्सव का समय सायं चार बजे रखा गया.
वार्षिकोत्सव का आयोजन
मुख्य अतिथि जिलाधीश महोदय थे. ठीक चार बजकर पन्द्रह मिनट पर मुख्य अतिथि का आगमन हुआ. सबसे पहले मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम के शुभारम्भ की घोषणा की. तत्पश्चात छात्र छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये.
समूह नृत्य, कव्वाली एवं नाटक को दर्शकों ने बहुत पसंद किया. विचित्र वेशभूषा के कार्यक्रम ने तो दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि वे बहुत देर तक तालियाँ बजाते रहे. प्रधानाध्यापक जी ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी.
इसके बाद मुख्य अतिथि महोदय ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया तथा संक्षिप्त भाषण भी दिया. कार्यक्रम का संचालन कक्षा आठ के छात्र राजेश ने किया. कार्यक्रम का समापन राजस्थान प्रसिद्ध लोकनृत्य घूमर से हुआ.
उपसंहार
सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राओं कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्न थे. सभी ने एक दूसरे को बधाई दी, उत्सव में सभी का पूरा सहयोग रहा.