I want 20 लोकोक्तिया in Hindi
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Explanation:
1.अक्ल के अंधे, गाँठ के पूरे= (बुद्धिहीन, किन्तु धनवान)
वाक्य- सेठ जी तो अक्ल के अंधे, गाँठ के पूरे हैं।
2. अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है= (अपने घर या गली-मोहल्ले में बहादुरी दिखाना)
वाक्य- तुम अपने मोहल्ले में बहादुरी दिखा रहे हो। अरे, अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है।
3. अपनी पगड़ी अपने हाथ= (अपनी इज्जत अपने हाथ होती है।)
वाक्य- विवेक ने श्रीनाथ जी से कहा- आप यहाँ से चले जाइए, क्योंकि अपनी पगड़ी अपने हाथ होती है।
4.अपने मुँह मियाँ मिट्ठू= (अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला)
वाक्य- मोहन हमेशा अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनता है।
5. अमानत में खयानत= (किसी के पास अमानत के रूप में रखी कोई वस्तु खर्च कर देना)
6.अस्सी की आमद, चौरासी खर्च= (आमदनी से अधिक खर्च)
वाक्य-राजू के तो अस्सी की आमद, चौरासी खर्च हैं। इसलिए उसके वेतन में घर का खर्च नहीं चलता।
7. आप काज, महा काज= (अपना काम स्वयं करने से ठीक होता है।)
वाक्य- राजू अपना काम दूसरों पर नहीं छोड़ता। उसे स्वयं करता है, क्योंकि उसका विश्वास है कि 'आप काज, महा काज'।
8. इतनी-सी जान, गज भर की जुबान= (बहुत बढ़-बढ़ कर बातें करना)
वाक्य- चार साल की बच्ची जब बड़ी-बड़ी बातें करने लगी तो दादाजी बोले- इतनी सी जान, गज भर की जुबान।
9. इधर कुआँ और उधर खाई= (हर तरफ विपत्ति होना)
वाक्य- न बोलने में भी बुराई है और बोलने में भी; ऐसे में मेरे सामने इधर कुआँ और उधर खाई है।
10. ईंट की लेनी, पत्थर की देनी= (बदला चुकाना)
वाक्य- अशोक ईंट की लेनी, पत्थर की देनी वाले स्वभाव का आदमी है।
11. ऊँची दुकान फीके पकवान= (जिसका नाम अधिक हो, पर गुण कम हो)
वाक्य- उस कंपनी का नाम ही नाम है, गुण तो कुछ भी नहीं है। बस 'ऊँची दुकान फीके पकवान' है
12. नाक की सीध में चलते जाना= अपने काम से काम रखना।
वाक्य- रितु अपने काम से काम रखती है किसी से ज्यादा बात नहीं करती।
13. नाड़े से नाड़ा घिसना।=एक-दूसरे के हर समय साथ रहना।
वाक्य- मोहन-सोहन पके दोस्त है हमेशा साथ रहते है।
14. नींद हराम करना।=बहुत ज्यादा परेशान कर देना।
वाक्य- गली के बच्चे शोर मचा के रखते है, सोने नहीं देते,मेरी नींद हराम करके रखी है।
15. अपने मुंह मियाँ मिटटू बनना।=अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
वाक्य- हीना अपने कपड़ों की प्रशंसा करती रहती है।
16. अन्त भले का भला।=अच्छे का परिणाम अच्छा ही होता है।
वाक्य- सब के साथ अच्छा करना से उस मनुष्य का अन्त मै उसका भला होता है
17. अशुभ कार्य का अशुभ फल।= गलत काम का परिणाम बुरा ही होता है।
वाक्य- अगर हम गलत लोगों की संगत मै रहेंगे तो उसके परिणाम भी बुरे होंगे
18.अपने किये को भुगतो।= जो जैसा करेगा वैसा भरेगा।
वाक्य- अगर हम ओरो के साथ गलत करेंगे तो सामने वाला भी गलत करेगा।
19. अपनी दही को कोई खट्टा नहीं कहता।=अपनी चीज की कोई बुराई नहीं करता।
वाक्य- लोग अपने बच्चों की कोई गलती नहीं बताता।
20. अटारी पर चढना।= बहुत ऊंचा पहुँच जाना।
वाक्य-मोहन अपनी मेहनत से एक बहुत बड़ा व्यापारी बन गया।
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