(iii) हम जानबूझकर मूर्खता का अभिनय करते हैं और पड़ोसी के सामने कूड़ा
फेंकने वाले को डटकर कोसते हैं। अगले दिन हम अपने दरवाजे को कचरे के ढेर
से सुशोभित पाते हैं। हम भी पड़ोसी से उस तीसरे गिरे हुए इंसान को हर प्रकार
का संक्रामक रोग लगने की बददुआ देते हैं, "अपनी तो एक ही तमन्ना है। यह
कूड़े का संवाहक जल्दी-से-जल्दी कूड़े के ढेर में मिले।" पड़ोसी गंभीरता से मुंडी
हिलाकर हमसे हमदर्दी जताते हैं। कूड़े का यह आदान-प्रदान बिना रोक-टोक के
चलता रहता है।
(क) लेखक मूर्खता का अभिनय क्यों करता था?
(ख) लेखक को अपने घर के सामने प्रायः क्या मिलता था?
(ग) लेखक किसे और क्या बददुआ देता था?
(घ) वह कूड़े के ढेर पर किसे देखना चाहता है?
(ङ) लेखक और उसके पड़ोसी के व्यवहार को आप कितना उचित मानते हैं?
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Explanation:
हमने डालते पढ़ो किसी के सामने से कूड़ा सफाई रखते हैं
Answer:
dar ha bhi follow aur lik kar do