iv.उसके श्रम करने की नौबत आ सकती है
2.निम्रलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्रों के उत्तर दीजिए: (5)
यह मजूर, जो जेठ मास के इस निधूम अनल में
कर्ममग्न है अविकल दग्ध हुआ पल-पल में;
यह मजूर, जिसके अंगों पर लिपटी एक लैंगोटी;
यह मजूर, जर्जर कुटिया में जिसकी वसुधा छोटी;
किस तप में तल्लीन यहाँ है भूख-प्यास को जीते,
किस कठोर साधन में इसके युग के युग हैं बीते।
कितने महा महाधिप आए,
हुए विलीन क्षितिज में,
नहीं दृष्टि तक डाली इसने,
निर्विकार यह निज में।
यह अविकंपन जाने कितने घुट पिए हैं विष के,
आज इसे देखा जब मैंने बात नहीं की इससे।
अब ऐसा लगता है, इसके तप से विश्व विकल है,
नया इंद्रपद इसके हित ही निश्चित है निस्संशय।
1.
जेठ का महिना कविको बाधित क्यों नहीं कर रहा है?
1. क्योंकि वह अपने काम में मग्न है
1. क्योंकि उसकी दशा दीन-हीन है
I. क्योंकि काम करना उसकी आदत बन चुका है
iv. क्योंकि उसने विष का चूंट पीया है
11. कवि की दशा कैसी है?
1.उसकी दशा अच्छी है
fi.वह पेट भरने लायक भी नहीं कमा पाता
11. वह इन्द्रपद पर आसीन है।
iv. वह सुखी है
11. उसने बड़े-से-बड़े लोगों को भी अपना कष्ट क्यों नहीं बताया?
1.क्योंकि किसी ने उसे नहीं समझा
1. क्योंकि वह किसी को नहीं जानता
ना. क्योंकि वह अपने काम में तल्लीन था
iv.क्योंकि उसके पास समय नहीं था
IV. उसने जीवन को कैसे जिया है?
विष का चंट पीकर
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Answer:
isko phadunga tab tak shyam ho jaayegi biradari