'Jal hi jeevan hai' poem in Hindi for class 2
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Answer:
मेरे अस्तित्व पर प्रहार न करना
तरस जाओगे एक दिन भविष्य में
एक बूंद के लिए
मेरे एक-एक बूंद को
यूं बरबाद न करना
मैं अभी अथाह हूं
मिलता हूं सागर में
एक दिन तुझे मैं मिलूंगा
सिर्फ गागर में
जिस रफ्तार से बहाते हो मुझे
तुम बेकार में
डाल देते हो कुड़ा-करकट
मेरे दामन में
प्रदूषित हो जाता हूं मैं
बन जाता हूं वाहक
मैं बीमारियों का
इस तरह तुम मुझे
सरे आम बदनाम न करो
मैं जल हूँ मुझे बरबाद न करो
प्रकृति के पाँच तत्वों में से एक हूँ मैं
मेरे महत्व को यूँ नजरअंदाज न करो
पूछो प्यासे से मेरी कीमत
जब तड़पता है एक बूंद के लिए
मिट जायेगा वजूद जब मैं न रहूँगा
मेरे रहते हुए तुम
मेरे महत्व को पहचान लो
वरना कहीं देर न हो जाए
इससे पहले जनहित में ये संदेश भेज दो
जल ही जीवन है
इसे यूं बरबाद न करो।।
Answer:
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