maa yo kha kr bula rahi thi mitti khakar I thi kuchh muh mein kuchh liya hath mein mujhe khilane ayi thi ras ka prakar Konsa h
Share
maa yo kha kr bula rahi thi mitti khakar I thi kuchh muh mein kuchh liya hath mein mujhe khilane ayi thi ras ka prakar Konsa h
Sign Up to our social questions and Answers Engine to ask questions, answer people’s questions, and connect with other people.
Login to our social questions & Answers Engine to ask questions answer people’s questions & connect with other people.
nice line.....................
इन पक्तियों में वत्सल रस है
रस की परिभाषा :-
काव्य को पढ़कर मिलने वाली अंदरूनी खुशी को रस कहा जाता है। इसे इस प्रकार समझा जा सकता है कि यदि कोई कविता पढ़कर आप प्रेरित एवं उत्तेजित हो जाते हैं तब उस कविता में वीर रस का प्रयोग किया गया है।इसी प्रकार अन्य कई प्रकार के रस हैं जिन्हे मिलाकर काव्य का निर्माण किया जाता है। यह सभी रस काव्य को गढ़ने के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। विश्व में मौजूद हर तरह के काव्य में किसी न किसी प्रकार का रस सम्मिलित है।
किसी भी काव्य को पढ़कर उत्पन्न होने वाले अलग अलग भावों को रस का प्रकार कहा जाता है। रस प्रायः 11 प्रकार के होते हैं।
1. शृंगार रस
2. हास्य रस
3. करूण रस
4. रौद्र रस
5. वीर रस
6. भयानक रस
7. बीभत्स रस
8. अद्भुत रस
9. शान्त रस
10. वत्सल रस
11. भक्ति रस
वत्सल रस की परिभाषा :-
यह रस वात्सल्य यानी कि ममता व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका स्थायी भाव वात्सल्य रति है।