poem on vasant ritu in hindi
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Answer:
आया वसंत आया वसंत छाई जग में शोभा अनंत। सरसों खेतों में उठी फूल बौरें आमों में उठीं झूल बेलों में फूले नये फूल पल में पतझड़ का हुआ अंत आया वसंत आया वसंत। लेकर सुगंध बह रहा पवन हरियाली छाई है बन बन, सुंदर लगता है घर आँगन है आज मधुर सब दिग दिगंत आया वसंत आया वसंत।
आया लेकर नव साज रे
मह मह डाली महक रही
कुहू कुहू कोयल कुहुक रही
संदेश मधुर जगती को वह
देती वसंत का आज री
मां ! यह वसंत ऋतुराज री
गुन गुन भौरे गूंज रहे
सुमनो सुमनो पर घूम रहे
अपने मधु गुंजन से कहते
छाया वसंत का राज री
माँ! यहां वसंत ऋतुराज री
मृदु मंद समीरण सर सर सर
बहता रहता सुरभीत होकर
करता शीतल जगती का तल
अपने स्परसो से आज री
माँ! यह वसंत ऋतु राज री