नकारात्मक से सकारात्मक की ओर:-
सकारात्मकता (Positivity) की शुरुआत आशा और विश्वास से होती है| किसी जगह पर चारों ओर अँधेरा है और कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा और वहां पर अगर हम एक छोटा सा दीपक जला देंगे तो उस दीपक में इतनी शक्ति है कि वह छोटा सा दीपक चारों ओर फैले अँधेरे को एक पल में दूर कर देगा| इसी तरह आशा की एक किरण सारे नकारात्मक विचारों को एक पल में मिटा सकती है|
नकारात्मकता को नकारात्मकता समाप्त नहीं कर सकती, नकारात्मकता को तो केवल सकारात्मकता ही समाप्त कर सकती है| इसीलिए जब भी कोई छोटा सा नकारात्मक विचार मन में आये उसे उसी पल सकारात्मक विचार में बदल देना चाहिए|उदाहरण के लिए अगर किसी विद्यार्थी को परीक्षा से 20 दिन पहले अचानक ही यह विचार आता है कि वह इस बार परीक्षा (Exam) में उत्तीर्ण नहीं हो पाएगा तो उसके पास दो विकल्प है – या तो वह इस विचार को बार-बार दोहराए और धीरे-धीरे नकारात्मक पौधे को एक पेड़ बना दे या फिर उसी पल इस नेगेटिव विचार को पॉजिटिव विचार में बदल दे और सोचे कि कोई बात नहीं अभी भी परीक्षा में 20 दिन यानि 480 घंटे बाकि है और उसमें से वह 240 घंटे पूरे दृढ़ विश्वास के साथ मेहनत करेगा तो उसे उत्तीर्ण होने से कोई रोक नहीं सकता| अगर वह नेगेटिव विचार को सकारात्मक विचार में उसी पल बदल दे और अपने पॉजिटिव संकल्प को याद रखे तो निश्चित ही वह उत्तीर्ण होगा|सकारात्मक सोचना या न सोचना हमारे मन के नियंत्रण में है और हमारा मन हमारे नियन्त्रण में है| अगर हम अपने मन से नियंत्रण हटा लेंगे तो मन अपनी मर्जी करेगा और हमें पता भी नहीं चलेगा की कब हमारे मन में नकारात्मक पेड़ उग गए है|”
Share
Answer:
iii.निम्नलिखित गद्यांश पढ़िए। पूछे गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्य में लिखिए। qquad 5times1=5m महज़ इंतिहान पास कर लेना कोई चीज़ नहीं असल चीज है बुद्रंधि का विकास। जो कुछ पढ़ो उसका अभिप्राय समझो। रावण भूमंडल का स्वामी था। ऐसे राजाओं को चक्रवर्ती कहते हैं। आजकल अंग्रेजों के राज्य का बिस्तार बहुत बड़ा हुआ है पर इन्हें चक्रवर्ती नहीं कह सकते। संसार में अनेक राज्य अंग्रेजों का आधिपत्य स्वाकार नही करते बिलकुल स्वाधीन है। रावण चक्रवर्ती राजा था। संसार के सभी महीप उसे कर देते शे। बड़े-बड़ देवता उसकी गुलामी करते घे। आग और पानी के देवता भी उसके दास थे मगर उसका अंत क्या हुआ? घमंड ने उसका नाम निशान तक मिटा दिया कोई उसे एक चुल्लू पानी देने वाला भी न बचा। आदमी और जो कुकर्म चाहे करे पर आभिमान न करे इतराये नहीं। आभिमान किया और दीन - दुनिया दोनों से गया। 7.प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? 8.परीक्षा में महत्वपूर्ण किसे कहा गया है? 9.चक्रवर्ती सम्राट किसे कहा जाता है? 10.गद्यांश में आये 'गर्व' के पर्यायवाची शब्द लिखिए। 11.गदूयांश से क्या सीख मिलती है?