विषय (Topic):
1. भारत में छुआछूत की समस्या
2. मजदूरों की समस्या
3. करोना एक भयंकर बीमारी
बिंदु (Points): शीर्षक, समस्या, चित्र, कारण, निवारण या रोकथाम, निष्कर्ष
Note:
छात्र अपनी इच्छानुसार किसी भी एक विषय पर परियोजना बना सकते हैं।
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Answer:
छुआछूत की प्रथा को लोगों के कुछ समूहों के भेदभाव और उनकी जाति और सामाजिक समूहों के आधार पर उनके अमानवीय व्यवहार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
छुआछूत इतनी पुरानी प्रथा है कि यह भारत में कई लोगों की जड़ों पर कसकर अंतर्निहित है। ऐसी सामाजिक प्रथाओं के नाम पर विभाजित लोग बड़ी तस्वीर को देखने से इनकार करते हैं और सभी को समान मानने से परहेज करते हैं। यह कुछ लोगों की भोली विचार प्रक्रियाएं और राय है, जिसके कारण तथाकथित “निचली जाति” के लोगों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है।
इन लोगों को संबोधित करने के लिए दुनिया भर में अलग-अलग शब्दों का उपयोग किया जाता है, जो कि एशिया में दलितों के अस्पृश्यता और यूरोप में कैगोट्स के अभ्यास का शिकार हैं। दृष्टि के साथ विभिन्न बहादुर लोगों ने इस बेतुकी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
उनमें से कुछ में विनोबा भावे, बी.आर. अम्बेडकर और महात्मा गांधी। इन लोगों ने अपने समर्थकों की मदद से बाधाओं और अनुचित व्यवहार से लड़ने का विकल्प चुना। यह उस समाज की कई बुराइयों में से एक था, जिसके खिलाफ स्वतंत्र भारत के नेता लड़ रहे थे। भारत में मौजूद अन्य सामाजिक बुराइयों में सती प्रथा, बहुविवाह, बाल विवाह और कुछ नाम रखने की अशिक्षा शामिल हैं। जबकि इनमें से कुछ प्रथाएं अभी भी हमारे समाज में प्रचलित हैं लेकिन अन्य को बहुत प्रयास के साथ समाप्त करने के लिए लाया गया है।
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