रविंद्र नाथ टैगोर जी एक सच्चे मानव थे आप इसे किस रूप में लेते हैं अपने विचार लिखें
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Answer:
रवीन्द्रनाथ टैगोर विलक्षण प्रतिभा के व्यक्ति थे। उनका व्यक्त्वि बहुआयामी था। वे एक ही साथ महान साहित्यकार, समाज सुधारक, अध्यापक, कलाकार एवं संस्थाओं के निर्माता थे। वे एक स्वप्नदृष्टा थे, जिन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए अनवरत् कर्मयोगी की तरह काम किया। उनकी कालजयी सफलताओं से भारतीयों में आत्मसम्मान का भाव आया। उनके विशाल व्यक्त्वि को राष्ट्र की सीमांए बांध नहीं पायी। वे एक विश्व नागरिक थे। उनका शिक्षा दर्शन सम्पूर्ण वसुधा के संरक्षण एवं विकास का उद्देश्य लेकर चलती है, जिसमें सौन्दर्याभूति है, सत्य है और जीव मात्र का कल्याण है।